Wednesday 13 September 2017

कौन है मर्दो की कौम को चुनौती पेश करने करने वाली महिला.................. stgcmi youth icon मैरीकॉम से जुड़े देश के सबसे बड़े save the girl child movement india by kotarjpawan से

Meet stgcmi youth icon M. C marykom 



मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) (जन्मः १ मार्च १९८३) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। वे मणिपुरभारत की मूल निवासी हैं। मैरी कॉम पांच बार ‍विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं।२०१२ के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता।2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।दो वर्ष के अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश के बाद उन्होंने वापसी करके लगातार चौथी बार विश्व गैर-व्यावसायिक बॉक्सिंग में स्वर्ण जीता। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर एआइबीए ने उन्हें मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) का संबोधन दिया।
उनके जीवन पर एक फिल्म भी बनी जिसका प्रदर्शन 2014 मे हुआ। इस फिल्म में उनकी भूमिका प्रियंका चोपड़ा ने निभाई।मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक गरीब किसान के परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल और सेंट हेवियर स्कूल से पूरी की। आगे की पढाई के लिये वह आदिमजाति हाई स्कूल, इम्फाल गयीं लेकिन परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और फिर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से परीक्षा दी। मैरी कॉम की रुचि बचपन से ही एथ्लेटिक्स में थी। उनके मन में बॉक्सिंग का आकर्षण 1999 में उस समय उत्पन्न हुआ जब उन्होंने खुमान लम्पक स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स में कुछ लड़कियों को बॉक्सिंग रिंग में लड़कों के साथ बॉक्सिंग के दांव-पेंच आजमाते देखा। मैरी कॉम बताती है कि "मैं वह नजारा देख कर स्तब्ध थी। मुझे लगा कि जब वे लड़कियां बॉक्सिंग कर सकती है तो मैं क्यों नहीं? साथी मणिपुरी बॉक्सर डिंग्को सिंह की सफलता ने भी उन्हें बॉक्सिंग की ओर आकर्षित किया। 

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मैरीकॉम की शादी ओन्लर कॉम से हुई है। उनके जुङवाँ बच्चे हैं।मैरी कॉम ने सन् 2001 में प्रथम बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। अब तक वह 10 राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी है। बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया एवं वर्ष 2006 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। जुलाई 29, 2009 को वे भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए (मुक्केबाज विजेंदर कुमार तथा पहलवान सुशील कुमार के साथ) चुनीं गयीं।

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